हरिद्वार की खबरें यह भी है - एस ओ पी हटाने की मांग को लेकर संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में पहले दिन धरना दिया

 एसओपी हटाये जाने की मांग को लेकर व्यापारियों और अन्य संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने रविवार को तीन दिवसीय आंदोलन के पहले दिन सुभाषघाट में धरना दिया। धरना स्थल पर मौजूद सभी वक्ताओं ने एसओपी हटाए जाने तक धरना जारी रखने का निर्णय लिया। दोहराया कि एसओपी हटाए जाने तक व्यापारी की माँगे माने जाने तक धरना जारी रहेगा । हरि की पैड़ी के निकट सुभाष घाट पर हुए धरने को सम्बोधित करते हुए प्रदेश व्यापार मण्डल के अध्यक्ष संजीव चैधरी ने कहा की ये एसओपी के चलते हरिद्वार मे यात्री आने वाला नही है इतने सखत नियमों के चलते कोई कैसे आ पाएगा। चैधरी ने कहा की सरकार व्यापारी को मानवता की नजर से देखे और एसओपी को वापस ले नहीं तो हरिद्वार का व्यापारी भूखा मरने की कगार पर खड़ा है आज व्यापारीयो के लिए कुम्भ अन्तिम उम्मीद बचा हुआ है इसलिए कुम्भ को भव्य और दिव्य बना कर व्यापारी के व्यापार और आस्था दोनो को बचा ले । इस मौके पर धरने को सम्बोधित करते हुए लघु व्यापार एसोसीशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा देश मे जब चुनाव हो रहे है उत्तर प्रदेश के प्रयागराज व मथुरा मे मेले हो रहे है राजनैतिक रैलियाँ हो रही है तो कोरोंना का कोई नियम लागु नहीं होता है पर जब भी हरिद्वार मे कोई स्नान आता है तो कोरोना का हवाला दे कर सीमा सील कर दी जाती है सरकार तत्काल एसओपी वापस ले नही तो ये आन्दोलन गांधीवादी तरीके से चलता रहेगा। धरने मे प्रदेश व्यापार मण्डल महानगर संरक्षक सुरेश भाटिया,जिला उपाध्यक्ष राजु वधावन,अध्यक्ष मयंकमूर्ति भट्ट,महामंत्री सुमित अरोरा, जिला उपाध्यक्ष पंकज सवन्नी, कनखल अध्यक्ष जतिन हांडा,सुभाष घाट अध्यक्ष आदेश मारवाड़ी,महामंत्री प्रवीण शर्मा,हर की पैड़ी अध्यक्ष सर्वेश्वरमूर्ति भट्ट,महामंत्री रिक्की अरोरा,लक्सर अध्यक्ष मनोज वर्मा, भीमगोडा अध्यक्ष सतीश प्रजापति,आदित्य साराभाई, पुष्पेंद्र गुप्ता, सरिता पुरोहित, ललिता लघु व्यापार एसोंसिएशन, उत्तराखंड क्रान्ति दल जिलाध्यक्ष राजीव सिरोही,टैक्सी मैक्सी महासंध,भगवान सिंह,तीर्थ पुरोहित समाज,बाला जी फोटो ग्राफर यूनियन नरेन्द्र,बैट्री रिक्शा चालक-मालिक महासंध मनोज कुमार ,तीर्थ मर्यादा महासंघ पंडित मनीष शर्मा,आदि उपस्थित रहे।


सदिग्ध परिस्थितियों मे हथिनी की मौत

 लालढांग वन रेंज के चिल्लरखाल गंदरियाखाल गांव के पास संदिग्ध परिस्थितियों में हथिनी की मौत हो गई। प्रथमदृष्टया करंट लगने से मौत की बात सामने आ रही है। रविवार को लालढांग रेंज में हथिनी की मौत की सूचना पर वन विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में वन विभाग के आलाधिकारी घटना स्थल पहुंचे। लालढांग के चिल्लरखाल के नजदीक गंदरियाखाल गांव के पास हथिनी का शव मिला। वन क्षेत्राधिकारी लालढांग बिन्दर पाल ने बताया कि चिकित्सकों के अनुसार करंट से मौत होना प्रतीत हो रहा है। मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाएगी। मौत के कारण का पता चलने पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। हथिनी की उम्र करीब 15 साल थी।

कुम्भ मेले दृष्टिगत अग्निशमन विभाग की तैयारियाॅ तेज,लगातार जारी है मुआयना 

कुम्भ मेले के दौरान आगजनी की घटना को रोकने के लिए अग्निशमन विभाग भी चाक-चैबंद सुरक्षा व्यवस्था मे जुटा हुआ है। जिलाधिकारी सी रविशंकर के निर्देश पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी  एन एस कुंवर लगातार  संवदेन एवं अति संवदेनशील भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों के अलावा सभी प्रमुख स्थानों के साथ ही तमात होटलों,धर्मशालाओं , मठ मन्दिरों में जाकर मौके का मुआयना कर तैयारियों को परख रहे है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी नरेन्द्र सिंह.कुवंर ने अखाड़ों में लगने वाली छावनियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर अधिनस्थों को निर्देश के साथ साथ समीक्षा कर रहे है। उनका कहना है कि चूंिक गर्मी सीजन की शुरूआत हो रही है और बड़ी संख्या में टेंट लगाये जा रहे है, हर तरफ बड़ी संख्या में लोगों के रहने की संभावना के दृष्टिगत विभाग सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नही बरतना चाहता। मुख्य अग्निशमन अधिकारी के निर्देश पर जहां अग्नि शमन अधिकारी एस.पी.नेगी लगातार व्यस्तम क्षेत्रों के अलावा उन मठ मन्दिरों में जाकर पहले ही लगे एस्टिंगयूशर यानि अग्निशमन यंत्रों की जाॅच-परख कर आवश्यक सुझाव दे रहे है। वही सभी होटल संचालको,धर्मशाला प्रबधंको,अखाड़ो,आश्रमों को आग से सुरक्षा के उपाय के सम्बन्ध में सुझाव दिए जा रहे है। कुम्भ मेले के दौरान किसी प्रकार की अनहोनी न हो,इसके लिए लगातार जरूरी कदम उठाये जा रहे है। अग्निशमन अधिकारी एस.पी.नेगी ने प्रसिद्व मंशा देवी मन्दिर पहुचकर परिसर में लगे एक दर्जन से अधिक एस्टिंगयूशर स्लेंडर में प्रेशर तथा उपयुक्त स्थानों पर लगे होने की जाॅच की। और मंदिर में कार्यरत कर्मचरियों को आग लगने के बाद स्लेंडर को इस्तेमाल करने का तरीका भी बताया।इस दौरान उनके साथ अग्निशमन काॅस्टेबल सुरेन्द्र रावत ने कुछ दुकानों में भी जाकर स्थिति का मुआयना करने के अलावा अग्निशमन यंत्र लगाने के सुझाव दिए।


कुम्भ के दौरान संतो के शिविर नही लगने से बैरागी अखाड़ों के संतो ने जताई नाराजगी

27फरवरी के बाद पहुचने लगेंगे बैष्णव अखाड़ों के साधु-संत

मेला प्रशासन की ओर से कुम्भ मेले के दौरान गंगा किनारे लगने वाले शिविरों पर रोक और अखाड़ो के छावनी से ही गंगा स्नान के लिए जाने सम्बन्धी मेलाधिकारी के बयान से नाराज बैरागी अखाड़ों के संतों ने मेला प्रशासन से बैरागी संतो के लिए बैरागी कैंप में भूमि आवंटन की मांग की है। बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े में प्रेस वार्ता के दौरान बाबा हठयोगी दिगंबर ने कहा कि वृंदावन मेले के बाद बड़ी संख्या में वैष्णव संत हरिद्वार आगमन करेंगे जिनके रहने के लिए मेला प्रशासन को जल्द से जल्द भूमि चिन्हित कर प्लॉट आवंटन करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार सुविधाएं देती है तो ठीक है अन्यथा खाली भूमि का आवंटन कर दिया जाए। बाकी सभी सुविधाएं वैष्णव संत स्वयं कर लेंगे उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में भी वैष्णव संत खुले में रहते थे। कोरोना नियमों को देखते हुए इस बार वैरागी संत अपनी सभी तैयारियां अपने स्तर पर करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन शासन को लिखित रूप में जानकारी प्रदान करें जिसके बाद तहसीलदार द्वारा भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाए। क्योंकि जब खालसा आएंगे तब शिविर अथवा टेंट ना लगने से वह आपस में लड़ेंगे जोकि मेला प्रशासन के लिए भी मुसीबत बनेंगा। बाबा हठयोगी ने कहा कि जब 10 अखाड़ों की छावनी लग रही है। तो वैष्णव संतो की छावनी भी लगनी चाहिए अन्यथा बैरागी संत कहां जाएंगे। उन्होंने 25 तारीख को होने वाली अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक के बारे में कहा कि किस तरह के निर्णय अखाड़ा परिषद द्वारा लिये जायेगें। उन्होंने कहा कि बिना किसी एजेंडे के कोई बैठक सम्भव नहीं है 10 दिन पूर्व बैठक का एजेंडा सभी 13 अखाड़ो में सूचना के लिए भेजा जाता है। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि बैठक मंे किस तरह के प्रस्ताव पारित करेगें वह अपने आप में सक्षम है। बैरागी संतो को आशा है कि कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर ही बैरागी संतो के पक्ष में निर्णय लेगें। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्या महाराज ने कहा है। कि मेला प्रशासन को जल्द से जल्द बैरागी संतों के लिए सुविधा उपलब्ध करा देनी चाहिए। सुविधाएं न मिलने से वैष्णव संतो को भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा इसलिए मेला प्रशासन जल्द से जल्द भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। निमोही अखाड़े के सचिव महंत रामशरण दास महाराज ने कहा है कि बैरागी संतों की उपेक्षा किया जाना बेहद खेद जनक है। उन्होंने कहा कि बैरागी कैंप स्थित रामानंदाचार्य गेट का भी जीर्णोद्धार मेला प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है। बैरागी के संतों की लगातार उपेक्षा से संतों में गुस्सा लगातार बढ़ रहा है। मेला प्रशासन यदि समय पर नहीं जागेगा तो वैरागी संत बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इस दौरान उन्होने बताया कि 27 फरवरी से बैरागी संतो के खालसे हरिद्वार में आगमन करने लगेगे प्रशासन को बैरागी कैम्प क्षेत्र की व्यवस्थाए दुरूश्त करनी चाहिए। महंत विष्णु दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत दुर्गादास, महंत नारायण दास, पटवारी महंत प्रमोद दास, महंत अगस्त दास, महंत सिंटू दास, महंत अमित दास मंहत रामदास मंहत लोकेशदास मंहत सूरजदास मंहत अवध वीहारी दास सहित सभी संतों बैरागी संतों के लिए सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की।

कुम्भ के दौरान प्लास्टिक का उपयोग कम करने को लेकर कार्यशाला आयोजन

 स्पर्श गंगा परिवार ने भागवत परिवार और छनमन कप चेरिटेबिल ट्रस्ट के सयुक्त तत्वाधान से प्लास्टिक मुक्त 2021 कुंभ का सन्देश देते हुए जागरूकता रैली निकाली गयी। रैली का शुभारम्भ भेल के जीएम एचआर आरआर शर्मा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रविन्द्र राठौर ने किया। इस मौके पर आरआर शर्मा ने कहा कि कुंभ के दौरान लाखों की संख्या में यात्री देश व विदेश से हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आते हैं। कंुभ के दौरान मां गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए प्रत्येक नागरिक को जागरूक रहना होगा और यात्रियों को भी जागरूक करना होगा। कंुभ के दौरान प्लास्टिक का प्रयोग कम से कम करना है। पर्यावरण को बचाना है तो प्लास्टिक के इस्तेमाल से तौबा करनी होगी। जिला मंत्री आशु चैधरी व समाजसेवी रश्मि चैहान ने कहा कि हरिद्वार का कुंभ ऐतिहासिक एवं पवित्र है अनेकों    संस्कृतियों को दर्शाने वाला पर्व है। कंुभ की समय अवधि में सभी को मां गंगा व आसपास के वातावरण को शुद्व रखने के लिए सभी को प्रयास करने होगे। उन्होने कहा कि संसार के  सबसे बड़े पर्व को प्रदूषण मुक्त बनाने का उत्तरदायित्व हम सभी का है। कंुभ मे आने वालें यात्रियों को कोई असुविधा ना हो स्पर्श गंगा परिवार जगह जगह ईको ब्रिक बनाने की कार्यशाला भी आयोजित कर रहा है। जिससे सिंगल यूज प्लास्टिक पॉलीथिन धरती ,मिट्टी और पानी को प्रदूषण नही कर पायेगी और पर्यावरण संरक्षित रहेगा। ,मनु रावत व वृजेश शर्मा ने कहा कि सभी को स्वयं भी इस जागरूकता अभियान का हिस्सा बनाना चाहिए। कुलवंत चड्डा ने कहा कि अगर हमें पर्यावरण बचाना है तो मिलजुल कर प्लास्टिक खत्म करनी होगी प्लास्टिक वातावरण के लिए जहर है। राष्ट्रीय अध्यक्ष बबीता ने कहा कि प्लास्टिक पोलीथिन मुक्त महाकुंभ होना चाहिए। प्लास्टिक मानव जीवन व पर्यावरण के लिए नुकसान दायक है। पोलीथिन तो हर रूप में खतरनाक है। जमीन की उर्वरा शक्ति को खत्म करती है। बृजेश शर्मा, बिमला ढोडियाल ने कहा कि स्कूल में भी बच्चो को पूरी तरह से प्लास्टिक बैग में सामान लाने पर प्रतिबन्ध लगना चाहिये। रजनी वर्मा रेणु शर्मा ने कहा कि इको ब्रिक बनाने वाली संस्थाओ को स्पर्श गंगा परिवार सम्मानित करेगा। उपस्थित लोगों ने मां गंगा को स्वच्छ रखने के संकल्प को दोहराया। रैली के दौरानं रेणु शर्मा, कमला जोशी, पूनम चैहान, शर्मिला बगवाड़ी, रीमा गुप्ता,रेणु खड़ाई, आमरीन, पूनम चैहान, सरिता नेगी, कमल, रीता शर्मा,सुनीता पंवार,राजीव शर्मा, दीपक नेगी, रामपाल रावत, विपिन कुमार कटारा ,रजनी वर्मा, काजल रावत, कुणाल नेगी,कृष्णा रावत ,आशीष रावत, लवली चैधरी, अक्षय, पवन कुमार, संदीप गोयल,अंकुर, योगेश आचार्य,विजय कुमार ,हरीश बाला, दिग्विजय यादव ,महेश चंद्र शर्मा, मीना खुराना,आदि शामिल रहे।