सीवर लाइन बदलने वाली कंपनी की लापरवाही बनी जी का जंजाल
खड़खड़ी क्षेत्र में सीवर लाइन बदलने की प्रक्रिया में ठेकेदार की लेट लतीफी और लापरवाही यहाँ के लोगों पर भारी पडती जा रही है बसंत गली में हालात इतने खराब हो गए हैं कि यहां के पार्षद और पार्षद प्रत्याशी और क्षेत्र की जनता ने अधिकारियों को खरी खोटी सुनाई। पार्षद महावीर वशिष्ठ ने बताया कि कुंभ मेला 2021 के अंतर्गत जलोत्सव योजना के सापेक्ष सीवर लाइन बदलने का कार्य बसंत गली में चल रहा है जिसमें काफी अनियमितता देखने को मिल रही है।मेयर प्रतिनिधि अनुज गुप्ता ने कहा कि सीवर लाइन बदलने के नाम पर गड्ढे कर कर छोड़ दिए गए हैं जिसमें एक गाय गिर गई परन्तु ना तो सीवर लाइन डालने वाले ठेकेदार के आदमी और ना ही विभाग के आदमी मौके पर आये बड़ी मुश्किल से डॉ विवेक सत्लेवाल , डॉ प्रतीक सत्तलेवाल वा क्षेत्रीय लोगों की मदद से गाय को बामुश्किल बाहर निकाला गया जिसमें लगभग 1 घंटे से अधिक का समय लग गया। सीवर की लाइनों को क्षतिग्रस्त कर उन्हें बिना सही करें गड्ढे को भर दिया गया है जिसके कारण जगह जगह से सीवर का पानी बह रहा है
अनुज गुप्ता ने बताया कि पुरानी सीवर लाइनों को बदल कर नई लाइन डालने का टेंडर है परंतु ठेकेदार सिर्फ नई लाइन डाल रहे हैं उसे बदल नहीं रहे जबकि पैसा सीवर लाइन बदलने का लिया जा रहा है पुरानी लाइन के सापेक्ष ही नई सीवर लाइन डाली जा रही है जिसमें की मोटी रकम का घोटाला क्या जा रहा है।
पार्षद अनिरुद्ध भाटी ने कहा सीवर लाइन बदलने के कार्य में लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी उन्होने भी ठेकेदार को फटकार लगाई।
काफी समय पश्चात जल संस्थान के जेई मुकेश सक्सेना मौके पर पहुंचे जिन से वार्तालाप करके पता चला कि विभाग और ठेकेदार मैं आपस में सामंजस्य नहीं है जिसके कारण ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहे हैं और क्षेत्र की जनता को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है इस के बाद जे ई मुकेश सक्सेना ने विभाग के कर्मचारियों को बुलाकर ब्लॉकेज की समस्याओं को खत्म करने के लिए कार्य को चालू करवाया। साइट ठेकेदार सुशील भी मौके पर आ गया जिसने कि लिखित रूप में इस महीने के अंत तक निरंतर कार्य करते हुए खत्म करने के लिए आश्वासन दिया जिसके बाद क्षेत्रीय लोगों का आक्रोश खत्म हुआ। मोके पर रवि
कश्यप , दिपांशु विद्यार्थी तरुण नैय्यर आदि उपस्थित थे
बसंत गली में सीवर लाइन बदलने की प्रक्रिया बनी यहां के निवासियों के लिए जी का जंजाल