कांवड़ यात्रा हुई पूर्णतः प्रतिबंधित
जिलाधिकारी सी0 रविशंकर ने कोरोना के दृष्टिगत इस वर्ष स्थगित हुई कांवड़ यात्रा को पूर्णतः प्रतिबंधित रखने तथा इसमें अन्य राज्यों से आने वाले कांवड़ यात्रियों को नियंत्रित रखने के लिए उत्तर प्रदेश के मुजफ्फर नगर, सहारनपुर, बिजनौर तथा हरियाणा के यमुनानगर, करनाल आदि के जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ समन्वय बैठक की। सभी ने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वाेपरी बताते हुए यात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध पर सहमति जतायी।
जिलाधिकारी ने हरिद्वार पहुंचने पर सभी अधिकारियों का गंगाजली भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने सभी जिलों के अधिकारियों से कांवड़ यात्रा में किसी भी प्रकार के समुह या दल को हरिद्वार में प्रवेश न करने देने पर सुझाव आमंत्रित किये। जिलाधिकारी हरिद्वार ने कहा कि इस वर्ष की कांवड़ यात्रा स्थगित है और किसी को भी गंगाजल भरने के लिए हरिद्वार प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इस सम्बंध में सम्बंधित जिलों व नगरों में लोगों में जानकारी के लिए सभी पड़ोसी राज्य और जनपद व्यापक प्रचार प्रसार करा दिया जायेगा। कोई भी रियायत हरिद्वार आने वाले को नहीं दी जायेगी। यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा उल्लंघन करते पाया जायेगा सभी जनपदों द्वारा निश्चित कार्रवाई की जायेगी। श्री सी0 रविशंकर ने कहा कि यदि कोई भी श्रद्धालु कांवड़ यात्रा और गंगाजल भरने के उद्देश्य से हरिद्वार में पकड़ा जाता है तो जिला प्रशासन द्वारा उसको अनिवार्य रूप से 14 दिन के लिए संस्थागत कोरंटीन किया जायेगा और इस पर आने वाला व्यय भी पूर्णतः उस व्यक्ति से ही वसूला जायेगा।
इस पर अन्य जिलों के सभी एसएसपी ने अपने यहां अभी से वाहनों, की कड़ी चैकिंग शुरू कर लिये जाने की बात कही। जिलाधिकारियों ने भी कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी वाहन या पैदल कांवड़ और गंगाजल के साथ पकड़ा जायेगा तो वापसी करते ही गृह जनपद में भी कोरंटीन कर दिया जायेगा।
सभी पुलिस अधीक्षकों ने इस बार यात्रा मार्गो में किसी भी प्रकार के राहत शिविर, भण्डारों के आयोजन को प्रतिबंधित कर दिये जाने की भी जानकारी दी। किसी भी सामाजिक संस्था द्वारा इस प्रकार के आयोजन नहीं किये जायेंगे।
कहीं पर भी कांवड़ बाजार नहीं सजेंगे और यदि कोई कांवड बेचते हुए पाया जाता है कड़ी कार्रवाई की जायेगी।