आई एम ए की पासिंग आउट परेड में उत्तराखंड के 31केडेटस् सहित 423 बने जेन्टल मैन कैडेट्स अफसर
आज आईएमए की पासिंग आउट परेड में 423 जेंटलमैन कैडेट्स अफसर बन गए. इनमें 333 भारतीय कैडेट्स और मित्र देशों के 90 कैडेट्स अफसर बने. आईएमए की पासिंग आउट परेड में इस बार उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 66 कैडेट्स अफसर बने हैं. उत्तराखंड से इस बार 31 कैडेट्स सेना में अफसर बने. दूसरे नंबर पर 39 कैडेट्स के साथ हरियाणा रहा. सेना प्रमुख एमएम नरवणे की मौजूदगी में नए सैन्य अफसरों को शपथ दिलाई गई. पासआउट अधिकारियों को उनके रेजिमेंट में तैनाती दे दी जाएगी. आज हुई पासिंग आउट परेड के दौरान दर्शक दीर्घा पूरी तरह से खाली रही. इस दौरान लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए परिजनों ने अपने बच्चों की परेड घर बैठे देखी.इस बार पासिंग आउट परेड से मित्र देशों को भी 90 अधिकारी मिले. अफगानिस्तान के 48, भूटान के 13, फिजी के 2, मालदीव के 3, मॉरीशस के 3, नेपाल से 3, पापुआ न्यू गिनी का 1, श्रीलंका का 1, वियतनाम का 1 और तजाकिस्तान के 18 कैडेट्स अफसर बने.इस बार भारतीय सेना को 333 जांबाज अधिकारी मिले. उत्तर प्रदेश से 66, हरियाणा से 39, उत्तराखंड से 31, बिहार से 31, पंजाब से 25, महाराष्ट्र से 18, हिमाचल प्रदेश से 14, जम्मू कश्मीर से 14, राजस्थान से 13, मध्य प्रदेश से 13, केरल से 8, गुजरात से 8, दिल्ली से 7, कर्नाटक से 7, पश्चिम बंगाल से 6, आंध्र प्रदेश से 4, छत्तीसगढ़ से 4, झारखंड से 4, मणिपुर से 4, चंडीगढ़ से 3, असम से 2, उड़ीसा से 2, तमिलनाडु से 2, तेलंगाना से 2, मेघालय, मिजोरम, और लद्दाख से एक-एक कैडेट पास आउट होकर सेना में अफसर बन गए हैं. वहीं, नेपाल के तीन नये सैन्य अधिकारी भी भारत में सेवा देंगे.बता दें कि, 1 अक्टूबर 1932 में 40 कैडेट्स के साथ आईएमए की स्थापना हुई और 1934 में इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पहला बैच पासआउट हुआ था. 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक रहे भारतीय सेना के पहले फील्ड मार्शल जनरल सैम मानेकशॉ भी इसी एकेडमी के छात्र रह चुके हैं. इंडियन मिलिट्री एकेडमी से देश-विदेश की सेनाओं को 62 हजार 139 युवा अफसर मिल चुके हैं. इनमें मित्र देशों के 2,413 युवा अफसर भी शामिल हैं.
चीन सीमा पर हालात काबू में , नेपाल से सहेंगे रिश्ते अच्छे -सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे
विवाद पर बोले सेनाध्यक्ष नरवणे- सीमा पर काबू में हालात, नेपाल से अच्छे रहेंगे रिश्ते थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि वे सभी को भरोसा देना चाहते हैं कि चीना के साथ बॉर्डर पर हालात नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि चीन के साथ कई स्तर पर बातचीत चल रही है. जिसकी शुरुआत कमांडर लेवल वार्ता से हुई, इसके बाद दोनों पक्षों के बीच कमांडर लेवल की बातचीत हुई है.बॉर्डर पर हालात नियंत्रण में- आर्मी चीफ'चीन से लगातार बातचीत जारी''नेपाल से हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्ते' भारत के आर्मी चीफ एम एम नरवणे ने कहा है कि चीन के साथ सीमा पर हालात काबू में है. उन्होंने कहा कि चीन और भारत के बीच सैन्य लेवल पर कई स्तर पर बातचीत हो रही है, और बातचीत के जरिए हम हर तरह के विवादित मुद्दों को सुलझाने में सक्षम हैं. हालात नियंत्रण में थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि वे देशवासियों को भरोसा देना चाहते हैं कि चीना के साथ बॉर्डर पर हालात नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि चीन के साथ कई स्तर पर बातचीत चल रही है. जिसकी शुरुआत कमांडर लेवल वार्ता से हुई, इसके बाद दोनों पक्षों के बीच कमांडर लेवल की बातचीत हुई है. बातचीत से सुलझेगा विवाद आर्मी चीफ ने कहा कि बातचीत के बाद दोनों पक्ष पीछे हटे हैं और हमें उम्मीद है कि लगातार बातचीत के जरिए भारत-चीन के बीच सीमा रेखा को लेकर जो भी विवाद है उसे हम सुलझा पाएंगे. उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर सभी चीजें नियंत्रण में हैं. बता दें कि शुक्रवार को गलवान क्षेत्र को लेकर भारत और चीन के मिलिट्री अफसरों के बीच बातचीत हुई. मेजर जनरल लेवल की इस बातचीत में गलवान क्षेत्र में तनाव को कम करने पर चर्चा हुई . शुक्रवार को रक्षा मंत्रा राजनाथ सिंह ने सीडीएस बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की और सीमा पर हालात का संपूर्ण जायजा लिया. नेपाल से मजबूत संबंध सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि नेपाल के साथ हमारे मजबूत रिश्ते हैं. नेपाल के साथ हमारे भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक संबंध हैं. यहीं नहीं दोनों देशों के लोगों के बीच भी दोस्ताना रिश्ते हैं. उन्होंने कहा कि नेपाल से पहले भी हमारे रिश्ते अच्छे रहे हैं और आगे भी रहेंगे. सेना प्रमुख ने विश्वास जताया किकिb लगातार बातचीत से स्थितियां और सामान्य होंगी. सेना प्रमुख ने कहा कि चीन और भारत दोनों तरफ से डिसइंगेजमेंट किया जा रहा है. हमने नॉर्थ में गलवान रिवर से डिसइंगेजमेंट किया. हमारी बातचीत जारी रहेगी.
(सुनील पांडे )