रक्तदान से बची थेलेसिमीया से पीड़ित बच्चे की जान
थेलेेसिमीया एक ऐसी बीमारी है जिससे पीड़ित मरीज को अचानक खून की कमी हो जाने से उसकी जान पर बन आती है ऐसे समय थेलेसिमीया के मरीज को रक्त दान करने वाला उसके लिए ईश्वर से कम नहीं होता। ऐसा ही एक केस जिला चिकित्सालय हरिद्वार के रक्त कोष (ब्लड बैंक) में आया जब रक्तकोष जिला चिकित्सालय में कार्येरत रजनी चौधरी ने एक आकस्मिक स्थिति में रक्तदान कर बच्चे की जान बचाने का बीड़ा उठाया।
हरिद्वार में आज एक थैलेसीमिया से पीड़़ि़ित बच्चे को रक्त की अचानक आवश्यकता पड़ी बच्चे की स्थिति को देखते हुए यहां कार्यरत रजनीीचौधरी ने बिना देर करते हुए रक्तदान किया गया और बच्चे की मदद कीी उसके साथ ही आज उनका 11 वी बार रक्तदान सम्पन्न हुआ। रजनी चौधरी ने बताया कि वह समाज के प्रति अपनी जिमेदारी को बखूभी समझती है और उनके साथ साथ ब्लड बैंक का हर एक कर्मचारी आकस्मिक स्थिति में व नियमित रक्तदान कर समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करता रहता है। उन्होंने कहा कोरोना जैसी वैष्विक माहमारी के चलते सबसे ज्यादा दिक्कत थैलेसीमिया, हिमोफिलिया, डायलीसिस आदि के मरीजो को उठानी पड़ रही है क्योकि कोरोना के चलते सभी तरह से रक्तदान शिविर कैंसिल कर दिए गये है बहुत कम लोग ही रक्तकोष में रक्तदान करने आ रहे हैं जिस वजह से रक्तकोष में रक्त की उपलब्धता बहुत ही कम होती जा रही है। रजनी चौधरी के साथ साथ आज संजीव, शुभम, ताहिर, राहुल, विकास, मुकेश, मनोज, शादाब आदि ने रक्तदान कर अपना समाज के प्रति अपना धर्म निभाया। इस मौके पर रक्तकोष में डॉ रविन्द्र चौहान, महावीर चौहान, रैना नैयर, राखी जितवान, अक्लीम अंसारी, दिनेश लखेड़ा, मनोज चमोली, चीकू कालरा आदि उपस्तिथ रहे।
11 वी बार रक्त दान करके रजनी ने की मानवता की सेवा