हिल बाई पास पर करोड़ो खर्च किसके लिए?

 


 


क्यों खर्च कर रहे हैं करोड़ो रूपये?


(सुभाष कपिल) 
हरिद्वार ललताराव को खड़खड़ी और मोतीचूर स्टेशन को जोड़ने वाले हिल बाई पास पर सरकार हर कुंभ और अर्ध कुंभ पर करोड़ो रूपया खर्च करती है लेकिन इन पर्वो के बीत जाने के बाद रख रखाव के अभाव में यह मार्ग पुनः जीर्ण हो जाता है 6 दशक पूर्व बने इस मार्ग के जीर्णोद्धार के लिए इस  बार 34करोड़ का बजट प्रस्तावित  है मेलाधिकारी दीपक रावत ने पी डब्ल्यू डी के अधिकारियों के साथ इसका निरीक्षण  किया गया है और कहा गया कि पूर्व में इसके निर्माण में जो खामियाँ रह जाती थी उन्हें दूर किया जायेगा। लेकिन स्थानीय लोग इस मार्ग की उपयोगित पर प्रश्न उठाने लगे हैं कुंभ पर्व के कुछ स्नानों में इसका आवागमन में उपयोग होता है कांवड़ मेले में बहुत अधिक दबाव होने पर कभी कभी इसे खोलते हैं इसके अतिरिक्त यह मार्ग बंद ही रहता है जबकि उत्तरी हरिद्वार में रहने वाली बड़ी अबादी के लिए वैकल्पिक मार्ग के तौर पर यह खास कर सीजन के दिनों में बहुत उपयोगी हो सकता है। 
जब राजाजी राष्ट्रीय पार्क का नोटिफिकेशन हुआ तब इस मार्ग को सम्मलित कर लिया गया और आम जनता के आने जाने पर रोक लगा दी गई। प्रशासन या किसी और की तरफ से कोई प्रतिवाद नहीं किया गया। अब तो मार्ग के दोनों और गेेट लगाकर बंद कर दिया है। 


भीमगोङा क्षेत्र के पार्षद कैलाश भट्ट भीमगोङा के ऊपर से गुजरने वाले हिस्से के क्षतिग्रस्त होने से इस बात को लेकर चिंतित है कि बरसात में इसका मलबा गिरने लगेगा इसलिए वो इसके पुनर्निर्माण के लिए प्रयास रत हैं इसी क्षेत्र के भाजपा के मंडल महामंत्री तरुण नैय्यर इस हिल बाई पास को स्थानीय लोगों के लिए खोले जाने की बात करते हैं। उत्तरी हरिद्वार के सभी जनप्रतिनिधि, समाजिक और राजनैतिक क्षेत्र के लोग भी भीड़ भाड़ के दिनों में इसे खुला रखने को कहते हैं। साथ ही इसके निर्माण में ब्रह्मपुरी से मंसादेवी मार्ग तक विशेष निर्माण हो जो अतिक्रमण मुक्त हो।